आज गम कल कुशी आदमी वो जो हिम्मत ना हरे - The Indic Lyrics Database

आज गम कल कुशी आदमी वो जो हिम्मत ना हरे

गीतकार - खुमार बाराबंकवी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - नशद | फ़िल्म - जवाब | वर्ष - 1955

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आज ग़म कल ख़ुशी है यही ज़िन्दगी सुन ले प्यारे
आदमी वो जो हिम्मत ना हारे -२जो ना काँटों से दामन बचाए
फूल बन कर वही मुस्कराए
यूँ ही मर-मर के जी अश्क़ हँस-हँस के पी ग़म के मारे
आदमी वो जो हिम्मत ...जिन गरीबों से दुनिया खफ़ा है
उनको भगवान का आसरा है
मुश्किलों से ना डर हो ना इस कदर बेसहारे
आदमी वो जो हिम्मत ...