ओ दुनिया के रखवाले, सुन दर्द भरे मेरे नाले - The Indic Lyrics Database

ओ दुनिया के रखवाले, सुन दर्द भरे मेरे नाले

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - बैजू बावरा | वर्ष - 1952

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भगवान, भगवान, भगवान
ओ दुनिया के रखवाले
सुन दर्द भरे मेरे नाले
आश निराशा के दो रंगों से दुनिया तू ने बनाई
नैया संग तूफ़ान बनाया, मिलन के साथ जुदाई
जा देख लिया हरजाई
लुट गई मेरे प्यार की नगरी, अब तो नीर बहा ले
आग बनी सावन की बरखा, फूल बने अंगारे
नागन बन गई रात सुहानी, पत्थर बन गये तारे
सब टूट चूके हैं सहारे
जीवन अपना वापस ले ले, जीवन देने वाले
चाँद को ढूंढें पागल सूरज, शाम को ढूंढें सवेरा
मैं भी ढूंढूं उस प्रीतम को, हो न सका जो मेरा
भगवान भला हो तेरा
किस्मत फूटी आस ना टूटी, पाँव में पड़ गए छाले
महल उदास और गलियां सुनी, चुप-चुप हैं दीवारें
दिल क्या उजड़ा, दुनिया उजड़ी, रूठ गयी हैं बहारें
हम जीवन कैसे गुज़ारें
मंदीर गिरता फिर बन जाता, दिल को कौन संभाले