अरे यार मेरी तुम भी हो गज़बी - The Indic Lyrics Database

अरे यार मेरी तुम भी हो गज़बी

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - आशा भोंसले, किशोर कुमार | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - तीन देवियां | वर्ष - 1965

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किशोर: अरे यार मेरी तुम भी हो ग़ज़ब, घूँघट तो ज़रा ओढ़ो
अहा मानो कहा अब तुम हो जवां,
मेरी जान लड़कपन छोड़ो
आशा: जब मेरी चुनरिया मलमल की,
फिर क्यों न फिरूँ झलकी-झलकी
किशोर: अरे यार मेरी तुम भी हो ग़ज़ब ...आशा: (कोई जो मुझको हाथ लगाएगा,
हाथ न उसके आऊंगी
मै तेरे मन की लाल परी हूँ रे,
मन में तेरे उड़ जाऊंगी )-२
किशोर: तुम परी तो ज़रूर हो, पर बड़ी मशहूर हो
आशा: जब मेरी चुनरिया मलमल की ...
किशोर: अरे यार मेरी तुम भी हो ग़ज़ब ...आशा: (देखके तरसे लाख ये भंवरे, और इन्हें तरसाऊंगी
तेरी गली की एक कली हूँ,
तेरे गले लग जाऊंगी )-२
किशोर: तुम कली तो ज़रूर हो, पर बड़ी मशहूर हो
आशा: जब मेरी चुनरिया मलमल की ...
किशोर: अरे यार मेरी तुम भी हो ग़ज़ब ...आशा: (डालके घुंघटा रूप को अपने, और नहीं मैं छुपाऊंगी
सुंदरी बनके तेरी बलमवा,
आज तो मैं लहराऊंगी )- २
किशोर: सुंदरी तो ज़रूर हो, पर बड़ी मशहूर हो
आशा: जब मेरी चुनरिया मलमल की ...
किशोर: अरे यार मेरी तुम भी हो ग़ज़ब ...
आशा: जब मेरी चुनरिया मलमल की ...
किशोर (whispers): अरे यार मेरी तुम भी हो ग़ज़ब ...