बदला तो ऐसे बदला है कुछ रंग-ए-गुलसिताँ - The Indic Lyrics Database

बदला तो ऐसे बदला है कुछ रंग-ए-गुलसिताँ

गीतकार - प्रेम धवन, असद भोपाली | गायक - रफी | संगीत - हंसराज बहल | फ़िल्म - मिस बॉम्बे | वर्ष - 1957

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बदला तो ऐसे बदला है कुछ रंग-ए-गुलसिताँ
इक फूल पे बहार है इक फूल पे ख़िज़ाँ

ज़िन्दगी भर ग़म जुदाई का मुझे तड़पाएगा
हर नया मौसम पुरानी याद लेकर आएगा
ज़िन्दगी भर ग़म ...

हैं वही राहें वही गलियाँ मगर सुनसान हैं
तू नहीं तो दिल की सारी बस्तियाँ वीरान हैं
दिल में है जो ग़म तेरा वो जान लेकर जाएगा
ज़िन्दगी भर ग़म ...

हों मुबारक तुझको ख़ुशियाँ और मुझे रुसवाइयाँ
तुझको तेरा घर सलामत और मुझे तनहाइयाँ
मरते-मरते भी तेरा ही नाम लब पे आएगा
ज़िन्दगी भर ग़म ...$