कहता था ज़माना मगर - The Indic Lyrics Database

कहता था ज़माना मगर

गीतकार - अज़ीज़ कश्मीरी | गायक - आशा भोसले, मोहॅमेड रफ़ी | संगीत - विनोद | फ़िल्म - आग का दरिया | वर्ष - 1953

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कहता था ज़माना
कहता था ज़माना मगर
हमने न मन
मुश्किल है बहुत प्यार की
रश्मो को निभाना
रश्मो को निभाना
एक आग का दरिया है और
डूब के जाना
और डूब के जाना

हमने भी गुजरे दिल से
सुना था ये फ़साना
हमने भी गुजरे दिल से
सुना था ये फ़साना
ज़ुल्फो के हसि जाल में
ज़ुल्फो के हसि जाल में
दिल को न फ़साना
दिल को न फ़साना
एक आग का दरिया है और
डूब के जाना
और डूब के जाना

मुमकिन नहीं तक़दीर के
मुमकिन नहीं तक़दीर के
लिखे को मिटाने
कातिल हुआ करता है
कातिल हुआ करता है
निगाहो का निशाना
अब दिल को बचाना
एक आग का दरिया है और
डूब के जाना
और डूब के जाना
और डूब के जाना.