ऐ ईचक बीचक चुर.र - The Indic Lyrics Database

ऐ ईचक बीचक चुर.र

गीतकार - केदार शर्मा | गायक - शमशाद | संगीत - रोशन | फ़िल्म - बावरे नैन | वर्ष - 1950

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ऐ ईचक बीचक चुर.र
दिल उड़ गया बाबू फुर.र
शुरू शुरू में प्यार कहेगा तू दिअलबर मैं जानी
धीरे धीरे रोग बढ़ा तब याद आयेगी नानी
नज़र का तीर सीने में लगा, गया दिल चीर
मन उलझा उलझी दो अखियाँ, हाय्! अब क्यो हो तदबीर
ओय ईचक बीचक
अभी से एक के दो दो तुमको देने लगे दिखायी
सचमुच दोनो एक बने तो फिर क्या होगा भाई?
बाँवरे नैन न इन को नींद न इन को चैन
देखत है अब बाट किसी की ये पगले दिन रैन
ओय ईचक बीचक