सौ बार जन्म क्या सोच रह है रुद्रा - The Indic Lyrics Database

सौ बार जन्म क्या सोच रह है रुद्रा

गीतकार - प्रवीण भारद्वाज | गायक - सुखविंदर सिंह, सहगान | संगीत - आनंद राज आनंद | फ़िल्म - पिता | वर्ष - 2001

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सौ बार जनम नहीं मिलता मिलता है एक बार ओ
रिश्ते खून के नहीं बनते बार बार
लुट जाए मिट जाए कट जाए इन्सां रिश्तों के लिए
क्या सोच रहा है रुद्रा दिखा प्रलय की मुद्रा
सौ बार जनम ...आँख तीसरी खोल दे दुश्मन को ये बोल दे रुद्र रुद्र रुद्रा
क्रोध का ये तांडव है वो कौरव तू पांडव है
उड़ा दे दुश्मनों की निद्रा
हो क्या सोच रहा ...ज़ुल्म को सहना ज़ुल्म है आज तेरा ये धर्म है
तेरे रक्त का जो कातिल है उसकी मौत तेरी मंज़िल है
वरदान शंकर का है नाम तेरा रुद्रा
क्या सोच रहा ...