बदल चली है जो उनकी नज़र तो क्या कीजे - The Indic Lyrics Database

बदल चली है जो उनकी नज़र तो क्या कीजे

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता | संगीत - रोशन | फ़िल्म - चाँदनी चौक | वर्ष - 1954

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बदल चली है जो उनकी नज़र तो क्या कीजे
हाँ
बदल चली है जो उनकी नज़र तो क्या कीजे
वफ़ा का थाम के दामन ये इल्तजा कीजे
हाँ

( जादू बुरा बंगाल का
पूरब न जइहो
पूरब न जइहो बालमा )-2
हो
न जइहो मोरे बालमा
पूरब न जइहो
न जइहो बालमा
पूरब न जइहो
हाँ हाँ
पूरब न जइहो बालमा ओ

हाँ
जीते जी दिल पे जुदाई का तीर सहना पड़ा
जला के आशियाँ अपना क़फ़स में रहना पड़ा
हाय
लिखा है कौन से पत्थर ने ये लैला का नसीब
के थाम के चाक कलेजा ज़ुबाँ से कहना पड़ा

क्या

जादू बुरा बंगाल का
न जइहो हो बालमा
पूरब न जइहो
न जइहो न जइहो बालमा
जादू बुरा बंगाल का
पूरब न जइहो
पूरब न जइहो बालमा

रोज़ करते हो बहाने तुम्हें हम जान गये
कोई जाने या ना जाने तुम्हें हम जान गये-2
पहले तो दिल को चुराया है भरी महफ़िल में-2
अब लगे आँख चुराने तुम्हें हम जान गये
हो
अब लगे आँख चुराने तुम्हें हम जान गये

न जइहो बालमा
पूरब न जइहो
न जइहो बालमा
पूरब न जइहो
पूरब न जइहो बालमा
जादू बुरा बंगाल का
पूरब न जइहो
पूरब न जइहो बालमा$