हा हा ... मैं तेरी, तू मेरा - The Indic Lyrics Database

हा हा ... मैं तेरी, तू मेरा

गीतकार - महिपाली | गायक - मोहनतारा तलपड़े, रफीक | संगीत - NA | फ़िल्म - आपकी सेवा में | वर्ष - 1947

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मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ

मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ

रोता ही रहा हूँ, तड़पता ही रहा हूँ

मैं ज़िंदगी

उम्मीद के दिये बुझे दिल में है अंधेरा

जीवन का साथी न बना कोई भी मेरा

फिर किसके लिये

फिर किसके लिये आज मैं जीता ही रहा हूँ

मैं ज़िंदगी

रहरह के हँसा है मेरी हालत पे ज़माना

क्या दुख है मुझे ये तो किसी ने भी न जाना

ख़ामोश

ख़ामोश मोहब्बत लिये फिरता ही रहा हूँ

मैं ज़िंदगी

आई न मुझे रास मोहब्बत की फिज़ायें

शरमाई मेरी आँख से सावन की घटाएं

लहरों में सदा

लहरों में सदा ग़म को बहाता ही रहा हूँ

मैं ज़िंदगी