इधर ग़रीब का दिल है - The Indic Lyrics Database

इधर ग़रीब का दिल है

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - सुरैया | संगीत - श्याम सुंदरी | फ़िल्म - कमल के फूल | वर्ष - 1950

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इधर ग़रीब का दिल है उधर ज़माना है
ये देखना है के किसने किसे मिटाना है
मिटा सके तो मिटा ले दुनिया
बनानेवाला बना ही देगा
रुला सके तो रुला दे दुनिया हँसानेवाला हंसा ही देगा
मिटा सके तो मिटा ले दुनिया बनानेवाला बना ही देगा
बड़ी ख़ुशी से क़दम-क़दम पर बिछा ले काँटे अरे ज़माने
गिरा सके तो गिरा ले हमको उठानेवाला उठा ही देगा
मिटा सके तो मिटा ले दुनिया बनानेवाला बना ही देगा
उधर ज़माने की तेज़ आँधी इधर मेरी ज़िंदगी का दीपक
बुझा सके तो बुझा ले दुनिया जलानेवाला जला ही देगा
मिटा सके तो मिटा ले दुनिया बनानेवाला बना ही देगा
रुला सके तो रुला दे दुनिया हँसानेवाला हंसा ही देगा