सुंदर देखो लगे बड़ा - The Indic Lyrics Database

सुंदर देखो लगे बड़ा

गीतकार - ना | गायक - अमित कुमार, कविता कृष्णमूर्ती | संगीत - इलैयाराजा | फ़िल्म - आदमी और अप्सरा | वर्ष - 1991

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सुन्दर देखो लगे बड़ा शामा
वो लोक में नया शामा
फूल और खुशबू
मस्ती से चूर हो
धरती गगन चूमे एक दूजे को
सारे तारे ाओ विहार में
सुन्दर देखो लगे बड़ा शामा
ये भोर का खिला शामा

ये लता लता ज़रा लिपट के
जाता रही हैं प्यार को
जवा ले तू बसंत की
ये सजती हैं सिंगर को
पिघल पिघल हिमालय
हिला हिला परबालिका
सजा सजा पिला खड़ा
ये चाँद की दीवार का
चंचल गिरिवर में
चल खड़े छूटे हैं
रुनझुन करती पायल
जोबट मान की हैं
धरती पर आ देख
स्वर्ग उतरा एक क्षण को
सुन्दर देखो लगे बड़ा शामा
ये भोर का खिला शामा

इसी के चोचलो का संगम
तपोधरा फलो को देख
सुगंद सी सुगड़ कोई
मानो का जो हरण करे
मैं हँसनि कोई जिया
बार बार नाचयेगा
बहार तीर तू है कोई तो
मान सुजायेगा
सरगम पहले पहले ही
चन्दर्मा को छेड़े
ऋतू पकिया आमद से
कोयल कूक उठे
एक पथ में तन
सारा जुगजुग तक जागृत हो
सुन्दर देखो लगे बड़ा शामा
वह लोक में नया शामा
नीला आकासम वाड़ी पर छाया हो
सुन्दर लोकम चल के खुद आया हो
क्या हो चलदे कोई साथ में
सुन्दर देखो लगे बड़ा शामा
वो लोक में नया शामा.