रिश्ता ये मोहब्बत का - The Indic Lyrics Database

रिश्ता ये मोहब्बत का

गीतकार - राजेंद्र कृशन | गायक - लता मंगेशकर, शब्बीर कुमार | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - आग का दरिया | वर्ष - 1953

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रिश्ता ये मोहब्बत का
दोनों को निभाना है
रिश्ता ये मोहब्बत का
दोनों को निभाना हैं
एक आग का दरिया हैं
और पान भी जाना हैं
रिश्ता ये मोहब्बत का
दोनों को निभाना हैं
एक आग का दरिया हैं
और पान भी जाना हैं
रिश्ता ये मोहब्बत का
दोनों को निभाना है

जिस रात चाँदनीय से
ये चाँद ख़फ़ा होगा
जिस रात चाँदनीय से
ये चाँद ख़फ़ा होगा
उस रात के राही का सोचा
भी हैं क्या होगा
रस्ते में अँधेरा हैं
और दूर ठिकाना है
रिश्ता ये मोहब्बत का
दोनों को निभाना है

वो घर भी कोई घर हैं
दीवार न हो जिसमें
वो घर भी कोई घर हैं
दीवार न हो जिसमें
उस प्यार की क्या कीमत
तकरार न हो जिसमे
गुस्सा तो मानाने का
बस एक बहाना है
रिश्ता ये मोहब्बत का
दोनों को निभाना है

भूले से कोई आंसू
आँखों में अगर आये
भूले से कोई आंसू
आँखों में अगर आये
वो दिल की अमानत हैं
मिटटी में न मिल जाये
उल्फत का वो मोती हैं
पलको में छुपना हैं
रिश्ता ये मोहब्बत का
दोनों को निभाना हैं
रिश्ता ये मोहब्बत का
दोनों को निभाना हैं
एक आग का दरिया हैं
और पान भी जाना हैं
एक आग का दरिया हैं
और पान भी जाना हैं
रिश्ता ये मोहब्बत का
दोनों को निभाना हैं
दोनों को निभाना हैं
दोनों को निभाना हैं.