मिलना तेरा ऐसा - The Indic Lyrics Database

मिलना तेरा ऐसा

गीतकार - अंजान | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - बप्पी लाहिरी | फ़िल्म - आग ही आग | वर्ष - 1987

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मिलना तेरा ऐसे
जैसे हो सपना कोई
बिछड़े कभी यु
ना अपनों से अपना कोई
मंज़िल नहीं कोई जाउ
तो जाओ कहा
मरना नहीं बस में
जी न होगा यहाँ
जिस पर लगे जाने वही
क्या हैं ये दिल का जिया

पी के हर आंसू
हर ग़म उठाउंगी मैं
रोये दिल रोये पर
मुस्कुराऊँगी मैं
वादा जो किया
वो मरके निभाऊँगी मैं
मित्व तेरा सपना
सच कर दिखाउंगी मैं
तेरे लिए जीने के
फिर अरमा उठे दिल में जाग
मिलने से पहले
बिछड़ जाए हम क्यों
बनके बिगड़ जाए
हा मित्व ओ मितवा.