मेरा आग़ाज़ शिरीँ हैं - The Indic Lyrics Database

मेरा आग़ाज़ शिरीँ हैं

गीतकार - तनवीर नकवी | गायक - हेमंत, आशा | संगीत - एस मोहिंदर | फ़िल्म - शिरीन फरहाद | वर्ष - 1956

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मेरा आग़ाज़ शिरीँ हैं
मेरा अंजाम शिरीँ हैं
मुझे फ़रहाद क्यों कहते हो
मेरा नाम शिरीँ हैं
(खुशियों को लूट कर यहाँ)
देते हैं ग़म निशानियाँ
कब तक रहेंगी प्यार पर
दुनिया की महर्बानियाँ
खुशियों को लूट कर यहाँ
(राहें वफ़ा मे लुट गये
कितने दिलों के काफ़िले)
मंज़िल पे आके और भी
बड़ते रहें है फ़ासले
(बरबाद हो के रह गयी) -
अरमाँ भरी जवानियाँ
कब तक रहेंगी प्यार पर
दुनिया की महर्बानियाँ
खुशियों को लूट कर यहाँ
(कितनी ही ज़िंदगानियाँ
रिस्मों पे हो गयी फ़िदा)
दो दिल मिले थे प्यार से
दुनिया ने कर दिये जुदा
होते रहे यूँ ही सितम
बनती रही कहानियाँ
कब तक रहेंगी प्यार पर
दुनिया की महर्बानियाँ
खुशियों को लूट कर यहाँ
जितने खुशी के ख़्वाब थे
सब आँसूओं मे ढल गये
गुलशन मे रह गया है क्य
(तिनके थे चार जल गये) -
(था मेरा आशीआँ कहाँ) -
मिलती नहीं निशानियाँ
कब तक रहेंगी प्यार पर
दुनिया की महर्बानियाँ
खुशियों को लूट कर यहाँ
आवाज़ दे मेरी ख़ुदा
इनसाफ़ है कहाँ तेरा
जल जयेगा जहाँ तेरा
(मिट जयेगा निशाँ तेरा) -
(फ़रियाद बन गयी अगर) -
उलफ़त की बेज़ुबानियाँ
कब तक रहेंगी प्यार पर
दुनिया की महर्बानियाँ
खुशियों को लूत कर यहाँ