सावन की घटा - The Indic Lyrics Database

सावन की घटा

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - महेंद्रा केपर | संगीत - दत्ता नायक | फ़िल्म - आग और तूफान | वर्ष - 1975

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सावन की घटा पायल की सदा
कलियों की नजाकत कहते है
ए यार कही तू वो तो नहीं
जिसे लोग क्यामत कहते है
सावन की घटा

इन जुल्फों का जाने राज है क्या
इन आँखों का ये अंदाज़ है क्या
इन जुल्फों का जाने राज है क्या
इन आँखों का ये अंदाज़ है क्या
यु कोई सितम ढाए तो सनम
हम उसको इनायात कहते है
सावन की घटा

फूलो का गुमान भी झूठा है
जन्नत का भरम भी टुटा है
फूलो का गुमान भी झूठा है
जन्नत का भरम भी टुटा है
इन सबसे कहीं वो जज्बा हसी
जिसे तेरी मोहब्बत कहते है
सावन की घटा

पूछा है सितारों से मैंने
क्यों नींद नहीं आती मुझको
पूछा है सितारों से मैंने
क्यों नींद नहीं आती मुझको
है तेरी कसम वो इसको सनम
तेरी ही सररत कहते है
सावन की घटा पायल की सदा
कलियों की नजाकत कहते है
ए यार कही तू वो तो नहीं
जिसे लोग क्यामत कहते है
सावन की घटा.