किसी आसमां पे तो साहिल मिलेगा - The Indic Lyrics Database

किसी आसमां पे तो साहिल मिलेगा

गीतकार - गुलजार | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - कल्याणजी आनंदजी | फ़िल्म - कशिश | वर्ष - 1980

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किसी आसमां पे तो साहिल मिलेगा
मैं लाने वही आसमां जा रहा हूँ
जहाँ पे ज़मीं आसमां छू रही है
वहीं जा रहा हूँ, वहाँ जा रहा हूँ
कईं बार देखी हैं सिन्दूरी शामें
उफ़क से परे जगमगाती हुई
कईं बार ख़ामोशियों में सुना है
गुज़रती हैं मुझको बुलाती हुई
जहाँ पे मिले वो जहां जा रहा हूँ
बहुत बार सोचा ये सिन्दूरी रोग़न
जहाँ पे खड़ा हूँ वहीं पे बिछा दूँ
ये सूरज के ज़र्रे ज़मीं पे मिले तो
एक और आसमां मैं ज़मीं पे बिछा दूँ
जहाँ पे मिले वो जहां जा रहा हूँ
मैं लाने वही आसमां जा रहा हूँ