भर भर आएं आंखियां: - The Indic Lyrics Database

भर भर आएं आंखियां:

गीतकार - भरत व्यास | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - कल्याणजी विरजी शाह | फ़िल्म - सम्राट चंद्रगुप्त | वर्ष - 1958

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ल: ( भर भर आयें अंखियाँ
हो मोरा छुप छुप रोये रे जिया
अपने ही हाथों आग लगाई
हाय मैंने ये क्या किया ) -२
भर भर आयें अंखियाँ( सोई है दुनिया कोई नहीं जागे
मैं हूँ अकेली मेरा दिल नहीं लागे ) -२
रैन डराये रे चैन न आये रेहाय मैंने ये क्या किया
भर भर आयें अंखियाँ
हो मोरा छुप छुप रोये रे जिया
अपने ही हाथों आग लगाई
हाय मैंने ये क्या किया
भर भर आयें अंखियाँर: ( कभी है अंधेरा कभी है उजाला
क़िस्मत का है खेल निराला ) -२
फूलों के बदले काँटों की माला
हाय तूने ये क्या कियाल: भर भर आयें अंखियाँ
हो मोरा छुप छुप रोये रे जिया
अपने ही हाथों आग लगाई
हाय मैंने ये क्या किया
भर भर आयें अंखियाँ