सोने रूप दी झलक विखा के रब जाने की काई गैन एन - The Indic Lyrics Database

सोने रूप दी झलक विखा के रब जाने की काई गैन एन

गीतकार - देव कोहली | गायक - सरदुल सिकंदर | संगीत - आनंद राज आनंद | फ़िल्म - प्यासा | वर्ष - 2002

View in Roman

सोणे रूप दी झलक विखा के रब जाणे की कै गईं एं
दुपट्टा लहराण वालिये तू दिल साड्डा ले गईं एं
दुपट्टा लहराण वालिये होय तू दिल मेरा ले गईं एं
सोणे रूप दी झलक ...होय तू अग्गे मैं पिच्छे पिच्छे
तू जित्थे मैं औत्थे
लेके मेरे दिल नूं सोणिये तू जानीं है कित्थे
ओ नज़रां चुराण वालिये तू रोग सानूं ला गईं एं
दुपट्टा लहराण वालिये ...नींदें उड़ गईं चैन खो गया
जबसे अखियाँ लड़ियाँ
नईं छडणा तैनूं नईं छडणा
चाहें लग जावण हथकड़ियाँ
ओ निंदरां उड़ाउण वालिये तू होश उड़ा गईं एं
दुपट्टा लहराण वालिये ...की तेरी मर्ज़ी है बलिये क्या है तेरा इरादा
मेरी तरफ़ से प्यार है पक्का तू भी कर ले वादा
मुहब्बतां जगाण वालिये तू साड्डे उत्ते छा गईं एं
दुपट्टा लहराण वालिये ...
सोणे रूप दी झलक ...