कुछ तुम्हारे हैं कुछ हमारे हैं - The Indic Lyrics Database

कुछ तुम्हारे हैं कुछ हमारे हैं

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - अलका याज्ञनिक, उदित नारायण | संगीत - जतिन, ललित | फ़िल्म - प्यार कोई खेल नहीं | वर्ष - 1999

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कुछ तुम्हारे हैं कुछ हमारे हैं
हम दोनों के सपने कितने प्यारे हैं
कुछ तुम्हारे हैं ...इनमें उस अरमां का नूर है जो दिल में पलता रहा
वो रंगीं नगमा जो होंठ में दब के मचलता रहा
जलवे तमाम आज़ाद हैं हम दिल के हैं बादशाह
कुछ तुम्हारे हैं ...देखो ज़रा ऐसे झूम के क्यूं डोलती है बहार
यूं है के आज इस तरंग में शामिल है अपनों का प्यार
यूं ही नहीं खुल खेली है ज़ुल्फ़ों की बाद-ए-सबा
कुछ तुम्हारे हैं ...