ख्वाब हो तुम या कोई हकिकत, कौन हो तुम बतलाओ - The Indic Lyrics Database

ख्वाब हो तुम या कोई हकिकत, कौन हो तुम बतलाओ

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - तीन देवियाँ | वर्ष - 1965

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ख़्वाब हो तुम या कोई हक़ीकत कौन हो तुम बतलाओ
देर से कितनी दूर खड़ी हो, और करीब आ जाओ
सुबह पे जिस तरह शाम का हो गुमान
ज़ुल्फ़ों में एक चेहरा, कुछ जाहीर कुछ निहार
धड़कनों ने सुनी एक सदा पाँव की
और दिल पे लहराई आँचल की छाँव सी
मिल ही जाती हो तुम मुझ को हर मोड़ पे
चल देती हो कितने अफ़साने छोड़ के
फिर पुकारो मुझे, फिर मेरा नाम लो
गिरता हूँ फिर अपनी बाहों में थाम लो