पाईने की हम को आदत दुख में भली लगी है तलत - The Indic Lyrics Database

पाईने की हम को आदत दुख में भली लगी है तलत

गीतकार - फैय्याज हाशमी | गायक - तलत महमूद | संगीत - रमजान खान | फ़िल्म - गैर फिल्म | वर्ष - 1940s

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पीने की हम को आदत दुख में भली लगी है
ग़म दिल को खा रहा है मै गम को खा रही हैइतने तो गर्म आँसू होते नहीं किसी के
क्या बूँद ख़ून-ए-दिल की आँखों से बह रही हैखिलने के दिन से पहले हँस्ने के दिन से पहले
ऐ दिल कि सूख जाए कहने को वो कली हैआठों पहर वो हँस्ते दिन-रात हम तड़पते
इक वो भी ज़िन्दगी है इक ये भी ज़िन्दगी है