खुशियाँ ही खुशियाँ हो - The Indic Lyrics Database

खुशियाँ ही खुशियाँ हो

गीतकार - रवींद्र जैन | गायक - हेमलता - येशुदास | संगीत - रवींद्र जैन | फ़िल्म - दुल्हन वही जो पिया मन भाये | वर्ष - 1977

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खुशियाँ ही खुशियाँ हो दामन में जिसके
क्यों न ख़ुशी से वो दीवाना हो जाए
ऐसे मुबारक मौके पे साथी
पेश दुआओं का नज़राना हो जाए
देर से समझा हमको ज़माना
शुक्र करो कि समझ तो गया
संग रहने का ख़्वाब सुहाना
बनके हक़ीक़त सच हो गया
तुम जो कहो तो मेहफिल से कह दे
पलभर में मशहूर अफसाना हो जाए
कोई क्या जाने हमने क्या क्या
खेल रचाए तुम्हारे लिए
हम भी कैसी कैसी मंज़िल
छोड़ के आए तुम्हारे लिए
कलियाँ ही कलियाँ महका दो ऐसे
कि आबाद दिल का ये वीराना हो जाए
हँस के हमरी हर भूल भुला दे ना
हम हैं तुम्हरे जब चाहो बुला ले ना
अपनों की इस महफ़िल में अब
काम नहीं है बेगानों का
ये दुनिया क्या मोल करेगी
इक मुफ़लिस के अरमानों का
इतनीसी है बस अपनी तमन्ना
तेरी ख़ुशी पे दिल परवाना हो जाए