एक मीठी सी चुभन - The Indic Lyrics Database

एक मीठी सी चुभन

गीतकार - उद्धव कुमार | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - जयदेव | फ़िल्म - रेशमा और शेर | वर्ष - 1972

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एक मीठी सी चुभन, एक ठंडी सी अगन
मैं आज पवन में पाऊँ, आज पवन में पाऊँ
एक मीठी सी चुभन, एक ठंडी सी अगन
मैं आज पवन में पाऊँ
मन ही मन मैं नाच रही हूँ, मन ही मन मुसकाऊँ
क्यों की मीठी मीठी सी चुभन, ठंडी ठंडी सी अगन
मैं आज पवन में पाऊँ
जाग उठा है प्यार, झूमें सब संसार
अंगडाई लेते हैं सपने, धर के रूप हजार
नाच उठा है प्यार, आज मेरा झूम रहा संसार
मन का आँगन जो सूना था, आयी है उसमें बहार
कंगना, पायल
कंगनवा खनके, पायल छमके
लट उलझी सुलझाऊँ, शरमाऊँ, मुसकाऊँ
क्यों की मीठी मीठी सी चुभन, एक ठंडी सी अगन
ऐ मेरे भगवान, इतना कर एहसान
ये रसवंती हवा कहीं ना बन जाये तूफ़ान
प्यार मेरा नादान, मन भी है अनजान
जल ना जाये बैर अगन में जीवन के वरदान
धीरज भागे, चिंता जागे
मन ही मन घबराऊँ, घबराऊँ, घबराऊँ