तू न आया और होने लगी शाम रे - The Indic Lyrics Database

तू न आया और होने लगी शाम रे

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - आशा: | वर्ष - 1957

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( तू न आया और होने लगी शाम रे
साँवरिया मैं खड़ी रहूँ कि चली जाऊँ रे ) -२देखूँ कब तक पिया मैं तेरी राह रे
मेरी तक तक के हारी निगाह रे
रात है आ रही
रात है आ रही मैं तो घबरा रही
क्या करूँ कि है दूर मेरा गाँव रेसाँवरिया मैं खड़ी रहूँ कि चली जाऊँ रे
तू न आया और होने लगी शाम रे
साँवरिया मैं खड़ी रहूँ कि चली जाऊँ रे
आकैसे कैसे छुपते छुपाते आई
छुपते आई
सारी दुनिया से नज़रें बचाते आई
छुपते आई
दिल की धड़कन बढ़ी
दिल की धड़कन बढ़ी हर कदम पर डरी
हो न जाऊँ कहीं मैं बदनाम रेसाँवरिया मैं खड़ी रहूँ कि चली जाऊँ रे
तू न आया और होने लगी शाम रे
साँवरिया मैं खड़ी रहूँ कि चली जाऊँ रेकैसे घड़ियाँ बिताऊँ इंतज़ार की
आ जा दूँ मैं दुहाई तेरे प्यार की
अब तो सूरत दिखा
अब तो सूरत दिखा सामने आ भी जा
देख कबसे पुकारूँ तेरा नाम रेसाँवरिया मैं खड़ी रहूँ कि चली जाऊँ रे
तू न आया और होने लगी शाम रे
साँवरिया मैं खड़ी रहूँ कि चली जाऊँ रे
साँवरिया साँवरिया
ओ साँवरिया साँवरिया
साँवरिया हो साँवरिया -२