आँखो में तुम हो - The Indic Lyrics Database

आँखो में तुम हो

गीतकार - समीर | गायक - अलका याज्ञिक, हरिहरन, सुदेश भोंसले | संगीत - दिलीप सेन, समीर सेन | फ़िल्म - आग | वर्ष - 1994

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आँखों में तुम हो
साँसों में तुम हो
तुम हो मेरी ज़िन्दगी
मेरे करीब हो मेरा नसीब हो
तुम हो मेरी बंदगी
ये पहला प्यार है
वफ़ा का इकरार है
तुम हो मेरी हर
ख़ुशी ओ सनम ओ सनम

ऐसे न अपनी
रेशमी जुल्फे बिखरा
बेचैनी इस दिल की
न और बढाओ
ो शर्म से मेरी
आँखे क्यों झुक जाती है
बाटे लबो तक ाके
क्यों रुक जाती है
यही तो इज़हार है
दीवानों का खुमार है
तुम हो मेरी बेखुदी
ओ सनम ओ सनम

तेरी मोहब्बत ने
क्या मेरी हालत कर दी
हल बताओ कैसे
तुझको बेदर्दी
प्यास तेरी चाहत की
क्यों बढ़ती जाये
इक पल भी अब मुझको
क्यों चैन न आये
इसी में तो करार है
फ़िज़ा में भी बहार है
तुम हो मेरी आशिकी
ओ सनम ओ सनम
आँखों में तुम हो
साँसों में तुम हो
तुम हो मेरी ज़िन्दगी
मेरे करीब हो मेरा नसीब हो
तुम हो मेरी बंदगी
ये पहला प्यार है
वफ़ा का इकरार है
तुम हो मेरी हर ख़ुशी
ओ सनम ओ सनम.