हुस्न वालों को न दिल दो ये मिटा देते हैं - The Indic Lyrics Database

हुस्न वालों को न दिल दो ये मिटा देते हैं

गीतकार - शकील | गायक - तलत | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - बाबुल | वर्ष - 1950

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हुस्न वालों को न दिल दो ये मिटा देते हैं
ज़िंदगी भर के लिये रोग लगा देते हैं

खूब करते हैं ये बीमार-ए-मुहब्बत का इलाज
दर्द बढ़ता ही रहे ऐसी दवा देते हैं

हाय कुछ इन की मुहब्बत का भरोसा ही नहीं
पहले दिल लेते हैं फिर दिल को भुला देते हैं

दिल लगाये न ज़माने में हसीनों से कोई
लोग कहते हैं कि ये दिल को दगा देते हैं$