सन सनानन साँन साँन हो रही थी रेत में - The Indic Lyrics Database

सन सनानन साँन साँन हो रही थी रेत में

गीतकार - समीर | गायक - उदित नारायण | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - बनारसी बाबू | वर्ष - 1998

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सन सनन सांय सांय
सन सनानन सांय सांय हो रही थी रेत में
हम दोनों बैठ गए गेहूं के खेत में
सन सनानन सांय सांय हो रही थी गांव में
तक तनाधिन करने लगे पीपल की छांव में
सन सनानन सांय ...बनके कमान कमर लचके दीवाने यार ज़रा बचके
ऐसे ना मार गोरी झटके मेरी अदा बड़ी हट के
कोई नशा है तेरी चाल में
बुलबुल फंसी प्रेमी के जाल में
सन सनानन सांय सांय हो रही थी बाग में
हम दोनों जलने लगे चाहत की आग में
सन सनानन सांय ...रानी कमाल तेरा कंगना हर वक़्त कर ऐसे तंग ना
देखा कहीं ऐसा रंग ना आऊंगी मैं तेरे संग ना
रस्ता गली चौबारा घूम ले
आके मेरे गालों को चूम ले
सन सनानन सांय सांय हो रही थी बस में
जादू सा जाग उठा मेरी नस नस में
सन सनानन सांय ...