गीतकार - Nil | गायक - मेहदी हसन | संगीत - Nil | फ़िल्म - Nil | वर्ष - Nil
View in Romanख़ुदा करे कि मोहब्बत में ये मक़ाम आए
किसी का नाम लूँ लब पे तुम्हारा नाम आए
कुछ इस तरह से जिए ज़िन्दगी बसर न हुई
तुम्हारे बाद किसी रात की सहर न हुई
सहर नज़र से मिले ज़ुल्फ़ ले के शाम आए
खुद अपने घर में वो मेहमान बन के आये हैं
सितम तो देखिये अन्जान बन के आये हैं
हमारे दिल की तड़प आज कुछ तो काम आए
वही है साज़ वही गीत वही मंज़र
हर एक चीज़ वही है नहीं है तुम वो मगर
उसी तरह से निगाहें उठें, सलाम आए