तुम जियो हज़ारों साल - The Indic Lyrics Database

तुम जियो हज़ारों साल

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - आशा भोसले | संगीत - एस. डी. बर्मन | फ़िल्म - सुजाता एलबम | वर्ष - 1959

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तुम जियो हजारों साल
साल के दिन हो पचास हज़ार
तुम जियो हजारों साल
साल के दिन हो पचास हज़ार
तुम जियो हजारों साल
साल के दिन हो पचास हज़ार

सूरज रोज़ आता रहे, रोज़ गाता रहे
लेके किरणों के मेले
पलछिन कलियाँ गिन गिन, तेरा हर दिन
तब तक रंगों से खेलें

सूरज आ आ रोज़ आता रहे ओ ओ रोज़ गाता रहे
लेके किरणों के मेले आ
पलछिन ओ ओ गिन गिन ओ ओ तेरा हर दिन
तब तक रंगों से खेलें

रंग जब तक बाकी है बहारों में
तुम जियो हजारों साल
साल के दिन हो पचास हज़ार
तुम जियो हजारों साल
साल के दिन हो पचास हज़ार

यहाँ वहां, शाम हो चाहे जहां
यूँ ही झूमे शमा, सुन के तुम्हारी बातें
प्यार लिए, चाँद का टिका लिए
यूं ही जुगनू लिए, चमके तुम्हारी रातें

यहाँ वहां ओ ओ चाहे जहां ओ ओ
यूँ ही झूमे शमा, सुन के तुम्हारी बातें ओ
प्यार लिए ओ ओ टिका लिए ओ ओ
जुगनू लिए, चमके तुम्हारी रातें

नूर जब तक बाकी है सितारों में
तुम जियो हजारों साल
साल के दिन हो पचास हज़ार

तुम जियो हजारों साल
साल के दिन हो पचास हज़ार
तुम जियो हजारों साल
साल के दिन हो पचास हज़ार