मुझे नहीं पुच्छनि तुमसे बिति बातेन - The Indic Lyrics Database

मुझे नहीं पुच्छनि तुमसे बिति बातेन

गीतकार - इन्दीवर | गायक - मुकेश | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - अंजान राहें | वर्ष - 1974

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मुझे नहीं पूछनी तुमसे बीती बातें
कैसे भी गुज़ारी हों तुमने अपनी रातें
जैसी भी हो बस आज से तुम मेरी हो
मेरी ही बनके रहना
मुझे तुमसे है इतना कहना
मुझे नहीं पूछनी ...बीते हुए कल पे तुम्हारे अधिकार नहीं है मेरा
उस द्वार पे मैं क्यों जाऊँ जो द्वार नहीं है मेरा
बीता हुआ कल तो बीत चुका
कल का दुख आज ना सहना
मुझे नहीं पूछनी ...मैं राम नहीं हूँ फिर क्यूं उम्मीद करूँ सीता की
कोई इन्सानों में ढूँढे क्यों पावनता गंगा की
दुनिया में फ़रिश्ता कोई नहीं
इन्सान ही बनके रहना
मुझे नहीं पूछनी ...