गुज़रा हुआ उलफ़त का ज़माना - The Indic Lyrics Database

गुज़रा हुआ उलफ़त का ज़माना

गीतकार - डॉ सफदर 'आह' | गायक - लता | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - मान | वर्ष - 1954

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गुज़रा हुआ उलफ़त का ज़माना
याद करके रोयेंगे
याद करके रोयेंगे )-3

( जब सावन की मस्त घटाएं
धूम मचाती आयेंगी )-2
जब कोयल की मीठी तानें
कानों में बस जाएंगी
हम एक भूला हुआ तराना
याद करके रोयेंगे

कभी कभी जब तुमको अपने
दिल का दर्द सुनाते थे
कभी कभी
कभी कभी जब तुमको अपने
दिल का दर्द सुनाते थे
प्यार से ॰॰॰॰॰॰ देकर साजन
हमको गले लगाते थे
वही प्यार से गले लगाना
याद करके रोयेंगे-2
गुज़रा हुआ उलफ़त का ज़माना
याद करके रोयेंगे-2$