यूं तो हमाने लाख हसीन देखे हैं तुमसा नहीं देखा - The Indic Lyrics Database

यूं तो हमाने लाख हसीन देखे हैं तुमसा नहीं देखा

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - तुमसा नहीं देखा | वर्ष - 1957

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यूँ तो हमने लाख हंसीं देखे हैं
तुमसा नहीं देखा
हो, तुमसा नहीं देखाउफ़ ये नज़र उफ़ ये अदा
कौन न अब होगा फ़िदा
ज़ुल्फ़ें हैं या बदलियां
आँखें हैं या बिजलियां
जाने किस किसकी आएगी सज़ा
यूँ तो हमने लाख हंसीं देखे हैं ...तुम भी हंसीं रुत भी हंसीं
आज ये दिल बस में नहीं
रास्ते ख़ामोश हैं
धड़कने मदहोश हैं
पिये बिन आज हमे चढ़ा हैं नशा
यूँ तो हमने लाख हंसीं देखे हैं ...तुम न अगर बोलोगे सनम
मर तो नहीं जाएंगे हम
क्या परी या हूर हो
इतनी क्यूँ मग़रूर हो
मान के तो देखो कभी किसीका कहा
यूँ तो हमने लाख हंसीं देखे हैं ...