मिला दिल मिल के तूता - The Indic Lyrics Database

मिला दिल मिल के तूता

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - फरेब | वर्ष - 1953

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मिला दिल, मिल के टूटा जा रहा है
नसीबा बन के फूटा जा रहा हैदवा-ए-दर्द-ए-दिल मिलनी थी जिससे
वही अब हम से रूठा जा रहा हैअँधेरा हर तरफ़, तूफ़ान भारी
और उनका हाथ छूटा जा रहा हैदुहाई अह्ल-ए-मंज़िल की, दुहाई
मुसाफ़िर कोई लुटा जा रहा है