इक तीर जिगर पे खा कर हम ना इधर के रहे - The Indic Lyrics Database

इक तीर जिगर पे खा कर हम ना इधर के रहे

गीतकार - विश्वामित्र आदिली | गायक - मीना कपूर | संगीत - दादा चंदेकरी | फ़िल्म - | वर्ष - 1948

View in Roman

इक तीर जिगर पे खा कर हम -२
न इधर के रहे न उधर के रहे -२
सीने में आग लगा कर हम
न इधर के रहे न उधर के रहे -२( नज़रों की भी टक्कर हो गई
लड़ती भी गईं शरमा भी गईं ) -२
पर दिल से दिल टकरा कर हम
न इधर के रहे न उधर के रहे -२
इक तीर जिगर पे खा कर हम
न इधर के रहे न उधर के रहे -२जब याद किसी की आती है -२
आँखों से आँसू गिरते हैं
दिल में तूफ़ान उठा कर हम
न इधर के रहे न उधर के रहे -२इक तीर जिगर पे खा कर हम
न इधर के रहे न उधर के रहे -२( हैं फूल और काँटे दोनों ही
उलफ़त की रंगीली राहों में ) -२
उलफ़त में पाँव बढ़ा कर हम
न इधर के रहे न उधर के रहे -२इक तीर जिगर पे खा कर हम
न इधर के रहे न उधर के रहे -२
सीने में आग लगा कर हम
न इधर के रहे न उधर के रहे -२