एक चंचल शोख हसीना मेरे सपनों में आए - The Indic Lyrics Database

एक चंचल शोख हसीना मेरे सपनों में आए

गीतकार - समीर | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, सहगान, अभिजीत | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - | वर्ष - 1990

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एक चंचल शोख हसीना मेरे सपनों में आए
मुझे एक झलक दिखला के वो मेरे दिल का चैन चुराएहोंठों से मदिरा छलके गालों पे हैं अंगारे
फूलों के जैसी खिलती जवानी नैना नशीले हैं कजरारे
जैसे कि नागिन डोले ऐसे चले बलखाके
मदहोश कर दे मुझको जो वो शरमा के
कभी खुलें जो ज़ुल्फ़ें उसकी घटा से छाए
एक चंचल शोख हसीना ...झील में खिलता एक कमल वो है किसी शायर की गज़ल
बाहें उठा के ले अंगड़ाई दिल में मचा दे हलचल
परियों की वो शहज़ादी चेहरा है भोला भाला
देखा है जब से उसको मैं हो गया मतवाला
यही दुआएं मांगूं हर पल वो मुझको मिल जाए
एक चंचल शोख हसीना ...