रकीबोन से हबीबोन से तमाम आलम से मिलेगा - The Indic Lyrics Database

रकीबोन से हबीबोन से तमाम आलम से मिलेगा

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - अनुराधा पौडवाल, सुरेश वाडेकर | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - लाल दुपट्टा मलमल का | वर्ष - 1988

View in Roman

रक़ीबों से हबीबों से तमाम आलम से मिलिएगा
कभी फ़ुरसत मिले इनसे तो इक दिन हमसे मिलिएगाहसीनों महज़बीनों से तमाम आलम से मिलिएगा
कभी फ़ुरसत मिले ...वो एक दिन साथ देकर फिर वो अपना रास्ता लेगा
बहुत याद आएंगे हम जब किसी हमदम से मिलिएगा
हसीनों महज़बीनों से ...मेरे अश्क़ों पे हँस देने की आदत भूल जाएगी
चमन में जब फ़ना होती हुई शबनम से मिलिएगा
रक़ीबों से ...न देखा हो अगर बारिश में घर जलने का नज़ाअरा
कभी आकर हमारे दीदा-ए-पुरनम से मिलिएगा
हसीनों महज़बीनों से ...