हैं प्यार के दो मातावाले - The Indic Lyrics Database

हैं प्यार के दो मातावाले

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - गीता दत्त, मन्ना दे | संगीत - सलिल चौधरी | फ़िल्म - अपराधी कौन | वर्ष - 1957

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म:हैं प्यार के दो मतवाले एक हम हैं और एक तुम
और तुम भी क्या
गी: अब रह गए दो दिलवाले एक हम हैं और एक तुम
और तुम भी क्याम:अरे माना तू है दिलबर तुझ से हूँ बढ़कर
सीधा-सादा सुन्दर
गी: तेरी निगाहें कोई बताए अरे बढ़ा खोट तेरे अन्दर
म:दिखने में तो भोले-भाले एक हम हैं ऐर एक तुम
और तुम भी क्यागी: हाय तेरा भी जवाब नहीं मेरा भी जवाब नहीं
काहे का झगड़ा फिर भी
म:अजी एक नज़र से दूजे को देखे नहीं और कोई मर्ज़ी
गी: एक आँख से देखनेवाले एक हम हैं और एक तुम
और तुम भी क्याम:अरे नैन हमारी सपनों की घोड़ा गाड़ी
चल बैठ उड़ा के आँचल
गी: घोड़ा गाड़ी भूल अनाड़ी अब डोल ज़रा पैदल
म:पैदल ही प्यार स.म्भालें एक हम हैं और एक तुम
और तुम भी क्या