तुम्हारी बेरुकी से परशान हैं नज़ारे - The Indic Lyrics Database

तुम्हारी बेरुकी से परशान हैं नज़ारे

गीतकार - ओंकार वर्मा | गायक - किशोर कुमार | संगीत - सोनिक-ओमी | फ़िल्म - यौवन | वर्ष - 1973

View in Roman

तुम्हारी बेरुख़ी से परेशाँ हैं नज़ारे
ज़रा सा मुस्करा के तुम इन्हें दे दो सहारे
तुम्हारी बेरुख़ी से ...परेशाँ किसलिए होती हो तुम अपनी जवानी से
ख़ुशी और मन का रिश्ता तो रहेगा ज़िन्दगानी से
है ग़म कैसा कहो हमसे ओ दिल में है तुम्हारे
तुम्हारी बेरुख़ी से ...किसी प्यासे की आँखों के छलकते जाम पीने दो
किसी भँवरे की ज़ुल्फ़ों के हमें साए में जीने दो
समा थम जाए जो इक बार तुम कर दो इशारे
तुम्हारी बेरुख़ी से ...जलेगा दिल बहारों का जो तुम आँसू बहाओगे
मिलेगा चैन कलियों को अगर तुम मुस्कराओगी
उसी की ज़िन्दगानी है जो इसे हँस कर गुज़ारे
तुम्हारी बेरुख़ी से ...