सितारे डूब चले - The Indic Lyrics Database

सितारे डूब चले

गीतकार - खुमार बाराबंकवि | गायक - रफ़ी, लता | संगीत - नशद | फ़िल्म - बारादरी | वर्ष - 1955

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सितारे डूब चले रात ढलने वाली है
चले भी आओ कि दुनिया बदलने वाली है
तुम्हें क़सम है न करना मेरी जुदाई का ग़म
हवाएं लाख चलें शमा जलने वाली है
मोहब्बत की बस इतनी दास्तां है
बहारें बहारें चार दिन की फिर ख़िज़ां है
मोहब्बत की बस
मोहब्बत की बस
उजाले को तरसती हैं निग़ाहें
बड़ी वीरान हैं उल्फ़त की राहें
कहाँ है कहाँ है चाँद मेरे तू कहाँ है
मोहब्बत की बस
मज़ाअ मिलने का आता है बिछड़ के
मुहब्बत रंग लाती है उजड़ के
जुदाई जुदाई दो दिलों का इम्तहाँ है
मोहब्बत की बस $