चलाके रस की गगड़िया भारी - The Indic Lyrics Database

चलाके रस की गगड़िया भारी

गीतकार - पंडित इंद्र | गायक - अनिल विश्वास, वहीदान बाई | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - | वर्ष - 1939

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वहिदन :
छलके रस की गगरिया भारी
मैं मतवारी पनिहारी
मोहे भूल गये बनवारी
कुंजन में कुंजबिहारीअ : है भरा हुआ दिल सजनी
क्यूँ झूठी बात बनाये
व : अब कौन तुम्हें समझाये
अ : तोरे गाल लाज से लाल
भाल पर बिंदिया मुसकाये
व : बालम तोरी नजर ना लग जाये
अ : (रसलट)??? घोली, प्यारी