बाग़ों में बहारों में इठलाता गाता आया कोई - The Indic Lyrics Database

बाग़ों में बहारों में इठलाता गाता आया कोई

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - छोटी बहन | वर्ष - 1959

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बाग़ों में बहारों में इठलाता गाता आया कोई
नाज़ुक-नाज़ुक कलियों के दिल को धड़काता आया कोई
आया कोई आया कोई
होय बाग़ों में बहारों ...

भीनी हवा ऊदी घटा
कहे तेरे आँगन में बरसेगा प्यार
फूलों के हार ले के बहार
करने को आई मेरे सोलह-सिंगार
रंगों की उमंगों की गागर छलकाता आया कोई
आया कोई आया कोई
होय बाग़ों में बहारों ...

सपनों के जाल रंगीं ख़्याल
दे के हिचकोले कहें आँख न खोल
दिल की ये बात दिल का ये राज़
जाने न कोई तू कुछ न बोल
आँखों के इशारों से सब कुछ समझाता आया कोई
आया कोई आया कोई
होय बाग़ों में बहारों ...

छाया है आज रिमझिम का राग
फिर भी है मेरे दिल को उनका ही ग़म
सखियों से दूर अपनों से दूउर
किसे है ख़बर कल कहाँ होंगे हम
उलझन की दीवारों से दिल को टकराता आया कोई
आया कोई आया कोई
होय बाग़ों में बहारों ...$