कराके जिसका इंतज़ार मेरा दिल गया हारो - The Indic Lyrics Database

कराके जिसका इंतज़ार मेरा दिल गया हारो

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - हमराही | वर्ष - 1963

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ल : करके जिसका इंतज़ार मेरा दिल गया हार
वही सपनों की शाम देखो लाई मेरा प्यार
र : मुझसे रूठी थीं बेकार तुम मेरी जान-ए-बहार -२
पूछो अपने ही दिल से क्या झूठा था मेरा प्यारल : सैंया मेरा था क़ुसूर जो मैं तुमसे थी दूर
र : हो था यक़ीं मेरी प्रीत रंग लाएगी ज़रूर
ल : दोनों बहियाँ पसार थकी मैं जिसको पुकार
वही सपनों की शाम ...
र : मुझसे रूठी थी ...तुमने मुझको समझा ग़ैर किया मुझसे था बैर
ल : सैंया मैने दिन-रैन माँगी बिंदिया की ख़ैर -२
र : जिनपे सब-कुछ हार मिटने को था मैं तैयार -२
ल : वही सपनों की शाम ...
र : मुझसे रूठी थी ...ल : हो मेरा तन मेरा मन अब तेरा रे सजन
र : हो हर दम गाए तेरे गीत मेरी हर धड़कन
ल : जिसमें मैं सौ-सौ बार कर दूँ ख़ुद को निसार
वही सपनों की शाम ...
र : मुझसे रूठी थी ...