तेरा क्या लगता है - The Indic Lyrics Database

तेरा क्या लगता है

गीतकार - समीर | गायक - अलका याज्ञिक, इला अरुण | संगीत - दिलीप सेन, समीर सेन | फ़िल्म - आग | वर्ष - 1994

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रे इतना तो बता
दे न छुपा
तेरा क्या लगता
है दीवाना
तेरा क्या लगता
है दीवाना
रे ओरे
रे इतना तो बता
दे न छुपा
तेरा क्या लगता
है दीवाना
तेरा क्या लगता
है दीवाना

मैं क्या बोलूँ कैसे बोलू
ये भेड़ भला कैसे खोलू
कैसे तुझे बतलाऊ रे
बड़ी शर्म मुझको आती है
मेरी आँख भी झुक झुक जाती है

मेरे महि मेरे बालमा
तेरे नाम जवानी लिख दी
चुपके चुपके
सबसे चुपके
मैंने प्रेम कहानी लिख दी
पागल दीवानी जाना
मेरे पीछे तू न आना
तेरी बातों में न आओ
न जन के जन गावउ
अरे जा जा ारे जा जा
तुझपे मरने से अच्छा है
मैं दुब के कहि मर जाऊ
रे ोरा हो
रे कहते है तू बचेगी
बावरी तुझे बाहों
में में जो भर लेगा
तुझे बाहों में
में जो भर लेगा
घरबारूंगी तड़पाऊंगी
फिर सीने से लग जाऊंगी
मर जाउंगी इसके प्यार में
इसे पाके मैं दिखलाऊँगी
इसे पाके मैं दिखलाऊँगी

ये लड़की प्रेम दीवानी है
इसे कौन भला समझायेगा
जो इसकी प्रेम कहानी है
कोई न सुनने आएगा
ये प्रेम डगर से जायेगी
जो बात न ये मानेगी
पगली पीछे पछ्तायेगी

मैं कैसे तुझे समझौ
क्या है मेरी मज़बूरी
दुनिआ मेरी बेरंग है
ो तेरे सपने है सिन्दूरी
तुझपे खुशिया लुटाऊ
तेरे सारे दर्द उठाऊ
बस तेरी धुन में गौ
तेरी जोगन बन जाऊ
मेरे राजा अब न जा
मै तेरे लिए ही आई हु
और तेरे लिए ही मेरी ज़िंदगी.