सुहाना सफर और ये मौसम हसीं - The Indic Lyrics Database

सुहाना सफर और ये मौसम हसीं

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - मुकेश | संगीत - सलील चौधरी | फ़िल्म - मधुमती | वर्ष - 1958

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सुहाना सफ़र और ये मौसम हसीं
हमें ड़र हैं हम खो ना जाए कहीं
ये कौन हँसता है फूलों में छुपकर
बहार बेचैन है किसकी धूनपर
कहीं गुनगुन, कहीं रुनझुन के जैसे नाचे ज़मीन
ये गोरी नदियों का चलना उछलकर
के जैसे अल्हड़ चले पी से मिलकर
प्यारे प्यारे ये नज़ारे, निखार है हर कहीं
वो आसमां झूक रहा है ज़मींपर
ये मिलन हमने देखा यहीं पर
मेरी दुनिया, मेरे सपने मिलेंगे शायद यहीं