सुभानअल्लाह हसीं चेहरा ये मस्ताना अदाएँ - The Indic Lyrics Database

सुभानअल्लाह हसीं चेहरा ये मस्ताना अदाएँ

गीतकार - एस. एच. बिहारी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - ओ. पी. नय्यर | फ़िल्म - कश्मीर की कली | वर्ष - 1964

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सुभानअल्लाह हसीं चेहरा ये मस्ताना अदाएँ
ख़ुदा महफ़ूज रखे हर बला से, हर बला से
तुम्हें देखा, तो दिल बोला कि तुमको दूँ दुआएँ
ख़ुदा महफ़ूज रखे हर बला से, हर बला से
करे पूजा ज़माना जिसकी वो तस्वीर हो तुम
मिला करती है जन्नत जिससे वो तक़दीर हो तुम
कमर पतली, नज़र बिजली हैं जुल्फें या घटाएँ
ख़ुदा महफ़ूज रखे हर बला से, हर बला से
न जाने किसकी किस्मत में है मुखड़ा चाँद सा ये
न जाने किसके घर चमकेगा टुकड़ा चाँद का ये
इजाज़त हो तो फिर हम भी मुक़द्दर आजमाएँ
ख़ुदा महफ़ूज रखे हर बला से, हर बला से
बड़ी हसरत से तुमको देखता है ये ज़माना
सुनाना चाहता है हर कोई अपना फ़साना
कोई दिल हो, कोई महफ़िल, जहाँ भी आप जाएँ
ख़ुदा महफ़ूज रखे हर बला से, हर बला से