हेयरात ए नज़ारा आकीर बन गैं रानाइयां - The Indic Lyrics Database

हेयरात ए नज़ारा आकीर बन गैं रानाइयां

गीतकार - हकीम अहमद शुजा पाशा | गायक - के एल सहगल | संगीत - मिहिर किरण भट्टाचार्य | फ़िल्म - कारवां-ए-हयात | वर्ष - 1935

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हैरत-ए-नज़्ज़ारा आख़िर बन गैइं रानाइयां
ख़ाक के ज़र्रों में आती हैं नज़र गुल्ज़ारियांजब से देखा है तुझे इक दर्द है दिल में निहां
ऐ सबा ले जा तूही उन तक मेरी बेदारियांमर्हबा बर्क़-ए-जमाल-ए-यार तुझ पर बे-निसार
मर्हबा जोश-ए-जुनून-ए-इश्क़ की रुसवाइयांअल्विदा ऐ क़ाफ़िले वाले मुझे अब छो.द दो
मेरी क़िस्मत में लिखी हैं दश्त की वीरानियां