सुभानअल्लाह - The Indic Lyrics Database

सुभानअल्लाह

गीतकार - अमिताभ भट्टाचार्य | गायक - श्रीराम - शिल्पा राव | संगीत - प्रीतम | फ़िल्म - यह जवानी है दीवानी | वर्ष - 2013

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एक दिन कभी जो खुद को तराशे मेरी नज़र से तू ज़रा, हाए रे
आँखों से तेरी क्या क्या छुपा है तुझको दिखाऊँ मैं ज़रा, हाए रे
इक अनकही सी दास्तां दास्तां
कहने लगेगा आईना सुभानअल्लाह
जो हो रहा है पहली दफा है वल्लाह ऐसा हुआ सुभानअल्लाह
जो हो रहा है पहली दफा है वल्लाह ऐसा हुआ
मेरी ख़ामोशी से बातें चुन लेना
उनकी डोरी से तारीफें बुन लेना
कल नहीं थी जो
आज लगती हूँ
तारीफ़ मेरी है ख़्वामख़ा
तोहफा है तेरा मेरी अदा
ये तो दिलों का वास्ता
खुल के बताया जाए ना
एक दिन कभी जो खुद को पुकारे तेरी जुबां से तू ज़रा, हाए रे
तुझ में छुपी सी जो शायरी है तुझको सुनाऊँ मैं ज़रा, हाए रे
ये तो दिलों का वास्ता वास्ता खुल के बताया जाए ना
सुभानअल्लाह जो हो रहा है पहली दफा है वल्लाह ऐसा हुआ