राहि हुन अलबेला मैं दिल का नहीं मैला - The Indic Lyrics Database

राहि हुन अलबेला मैं दिल का नहीं मैला

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मुकेश | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - छैला बाबू | वर्ष - 1967

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राही हूँ अलबेला मैं दिल का नहीं मैला
यारों कहते हैं लोग मुझे छैला
छैला बाबू कहते हैं लोग मुझे छैला
रूप की शहजादी है यारों मेरी लैला
यारों कहते हैं ...सैर-सपाटे करता मैं जा पहुँचा फिर खेत में
चाँद सी उजली लड़की बैठी थी ठण्डी रेत में
अरे देख के मेरी सूरत पहले तो ग़ुस्सा ले आई
चाल जो मेरी देखी कुछ शरमाई कुछ मुस्काई
कहने लगी वो मैं तेरी मेरे साजन छैला
राही हूँ अलबेला ...प्यार की धुन पे मैने जब छेड़ी अपनी रागिनी
सुन के मेरा गाना फिर छम से आई कामिनी
अरे हँस के हमको देखा इक जलवा फेंका दूर से
दिल की बात को मैने फिर कह डाला उस हूर से
मिल ही गई मस्तानी मेरी दिलरुबा छैला
रूप की शहजादी है ...