तूत गई है माला मोती बिखर चले - The Indic Lyrics Database

तूत गई है माला मोती बिखर चले

गीतकार - प्रदीप | गायक - प्रदीप | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - हरिश्चंद्र तारामती | वर्ष - 1963

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टूट गई है माला
टूट गई है माला मोती बिखर चले
दो दिन रह कर साथ जाने किधर चले
टूट गई है मालामिलन की दुनिया छोड़ चले ये आज बिरह में सपने -२
खोये-खोये नैनों में हैं उजड़े-उजड़े सपने
उजड़े-उजड़े सपने
व्याध की गठरी लिये झुकाये नज़र चले
दो दिन रह कर साथ जाने किधर चले
टूट गई है मालाअब तो ये जग में जियेंगे आँसू पीते-पीते -२
जैसी इनपे बीती वैसी और किसी पे न बीते
और किसी पे न बीते
कोई मत पूछो इन्हें के ये किस डगर चले
दो दिन रह कर साथ जाने किधर चले
टूट गई है माला
मोती बिखर चले
दो दिन रह कर साथ जाने किधर चले