देखो रुथा ना करो बात नज़रों की सुनो - The Indic Lyrics Database

देखो रुथा ना करो बात नज़रों की सुनो

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - तेरे घर के सामने | वर्ष - 1963

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(रफ़ी: देखो रूठा ना करो, बात नज़रों की सुनो
लता: हम न बोलेंगे कभी, तुम सताया ना करो )-२
रफ़ी: देखो रूठा ना करोरफ़ी: चेहरा तो लाल हुआ, क्या क्या हाल हुआ
इस अदा पर तेरी, मैं तो पागल हुआ
तुम बिगड़ने जो लगो, और भी हंसीं लगो
लता: हम न बोलेंगे कभी, तुम सताया ना करो
रफ़ी: देखो रूठा ना करोलता: जान पर मेरी बनी, आपकी ठहरी हंसी
हाय, मैं जान गई, प्यार की चिकनागरी (?)
दिल जलाने के लिये, ठंडी आहें न भरो
रफ़ी: देखो रूठा ना करो, बात नज़रों की सुनो
लता: हम न बोलेंगे कभीरफ़ी: तेरी खुशबू ने मेरे, होश भी छीन लिये
हैं खुशी आज हमे, तेरे पहलू में गिरे
दिल की धड़कन पे ज़रा, फूल सा हाथ रखो
लता: हम न बोलेंगे कभी, तुम सताया ना करो
रफ़ी: देखो रूठा ना करोलता: क्या कहेगा ये समा, इन राहों का धुँआ
लाज आए मुझे, मुझको लाए हो कहाँ
हम तुम्हे मान गए, तुम बड़े वो हो हटो
रफ़ी: देखो रूठा ना करो, बात नज़रों की सुनो
लता: हम न बोलेंगे कभी, तुम सताया ना करो
रफ़ी: देखो रूठा ना करो